Monday, October 27, 2008

दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें


दीपावली पर्व की आप सभी को हार्दिक शुभकामनायें

Friday, October 10, 2008

लाइव इन रिलेषनसिप के नाम पर श्रीराम को गाली

  • हृदेश अग्रवाल
भाई रजनीश आपको यह बता दें कि आपको कोई हक नहीं कि आप कि धर्म या उसके आराध्य श्री राम को गाली देने का। आपने जो लिखा है वह गलत है कि भारत की संस्कृति के जन नायक ही नाजायज औलाद के अग्रेता. जब राम के बाप का पता नही तो कैसी संस्कृति की दुहाई। रजनीश जी आप अल्पसंख्यकों व गद्दारों जैसी बातें कर रहे हैं जो कि आप न करें।लाइव इन रिलेशनसिप पर महाराष्ट्र सरकार ने संसदीय बैठक में जो प्रस्ताव पारित किया है उस प्रस्ताव के द्वारा महाराष्ट्र सरकार ने हमारी वर्षों से चली आ रही संस्कृति और सभ्यता को गाली दी है। उस प्रस्ताव में सीधा दिया गया है कि अगर कोई लड़का-लड़की कई वर्षों तक शादी से पहले साथ में रहते हैं तो उन्हें पती-पत्नि का दर्जा दिया जाएगा लेकिन हमारी सरकार यह क्यों भूल गई कि हमारे देष में चली आ रही सभ्यता और संस्कृति व बुजुर्गों द्वारा बनाए गए रीति-रीवाज को बदलने का हक किसी संस्था, संगठन व सरकार को नहीं है यह हमारी सभ्यता व संस्कृति के खिलाफ है जिस पर केन्द्र सरकार को तुरंत कठोर कार्यवाही करनी चाहिए। आज वैसे ही हमारे देष में रेव पार्टियों के नाम पर लड़के-लड़की नंगापन कर रहे हैं, धार्मिक स्थल और पर्यटक स्थल पर भी यह नंगापन देखने को मिल रहा है जिस पर सरकार कोई कानून तो बना नहीं पा रही और बदले में एक नया प्रस्ताव जारी कर दिया कि लड़के-लड़की अगर बिना शादी कई वर्षों तक साथ में रहते हैं तो उन्हें समाज में पती-पत्नि का दर्जा दिया जाएगा। महाराष्ट्र सरकार यह क्यों भूल जाती है कि उन्हें कोई हक नहीं कि हमारे देश में भारत की सभ्यता को खत्म कर बाहरी मुल्कों की सभ्यता को अपनाएं जहां पर बिना शादी के लड़के-लड़की साथ रहते हैं और कुछ वर्षों बाद लड़का लड़की को छोड़ किसी और लड़की के साथ रहने लगता है। ऐसे में क्या सही होगा कि लड़की को अगर लड़का छोड़ देता है तो उसे गुजारा भत्ता मिले और लड़की बोझ बनकर गुजारे भत्ते से पूर्ति करती रहे। क्या लड़कियां इसलिए ही होती है जब चाहा अपने साथ रखा और जब चाहा छोड़ किसी और को अपने साथ रखा। बल्कि बिना शादी के इस प्रकार रहने वाले लड़के-लड़कियों को तो कठोर से कठोर सजा मिलनी चाहिए। बल्कि इस प्रस्ताव से तो उनको और आजादी मिल जाएगी, और वह भारत में विदेशों जैसा नंगा नाच करेंगे और हमारे देश संस्कृति और सभ्यता का यह एक मजाक होगा।

मुंबई नही देश की सोचें

  • हृदेश अग्रवाल
गुरूवार को शिवाजी पार्क स्थित दशहरा रैली को संबोधित करते वक्त मुंबई के शेर (बाल ठाकरे) की गर्जना सुनकर मानो ऐसा लगा कि शेर अपने पूरे शबाब पर है और मानो जैसे कि महाराष्ट्र से बिहारियों को निकालकर ही मानेंगे। लेकिन शिव सेना प्रमुख एक बात भूल गए कि महाराष्ट्र को तो वह उत्तर भारतियों से बचा लेंगे लेकिन देश को बचाने के लिए भी बाल ठाकरे साहब को शेर की भांति इन अल्प संख्यकों का शिकार करना होगा क्योंकि उत्तर भारतीय तो हमारे ही भाई हैं लेकिन देश में रह रहे देश के गद्दार यानि आतंकवादियों को पनाह देने वाले अल्पसंख्यक और हमारे ही गद्दार भाई। क्योंकि जब देखो दूसरी कौम के लोग हमारे हिन्दू संगठन पर प्रतिबंध की बात करते रहते हैं और अपने आतंकवादी संगठन पर प्रतिबंध की बात नहीं। अगर कोई आतंकी पकड़ा जाता है तो हमारे देश में बम ब्लास्ट कर जता देते हैं कि या तो हमारे साथियों को छोड़ो वरना हम भी नहीं छोड़ेंगे।इसलिए शिव सेना को बजरंग दल व विश्व हिन्दू परिषद को देश से गद्दार निकालने में साथ देना चाहिए न कि इस बात विरोध करना चाहिए कि महाराष्ट्र से उत्तर भारतियों को भगाया जाए। क्योंकि हमारे देश के गद्दार उत्तर भारतीय नहीं वो हैं जो आतंकवादियों को पनाह देकर हमारे देश को बर्बाद करते हैं।
जय हिंद, जय भारत!

Tuesday, October 7, 2008

समाज को लेकर आपस में लड़ाई

हृदेश अग्रवाल
रणधीर जी आप आतंकवादी और बजरंग दल वाले मुद्दे को कृपया कर स्वर्ग लोक व भूलोक से न जोड़े तो ही अच्छा होगा क्योंकि स्वर्ग लोक में जाने लायक आपकी और हमारी औकात नहीं है, क्योंकि हम लोग इतने पापी हैं कि हमें तो सिर्फ और सिर्फ नरक की आग में झुलसना पड़ेगा और रही दूसरी बात कि जेल में कोई भी बजरंग दल, विश्व हिन्दू परिषद या आरएसएस वाला नहीं है जो भी हैं इस्लामी आतंकी संगठन वाले ही हैं तो आपको एक बात यह बता दूं कि जो जैसा करेगा वो वैसा ही भरेगा मतलब जो भारत की छाती पर पैर रखकर उसका सीना छलनी करेगा तो कोई भी हिन्दू संगठन चाहे वो आरएसएस, विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल या षिव सेना कोई भी बर्दाशत नहीं करेगा। आपने लिखा है कि आखिर में मरता एक हिन्दुस्तानी ही है चाहे वह किसी भी कौम का हो? तो यह बता दें कि पहले किसी हिन्दू संगठन ने हमले नहीं किए, हमले तो पहले इस्लामिक संगठन ने ही किए हैं चाहे अक्षरधाम मंदिर हो या फिर भारत की गरिमा समझी जाने वाली संसद हो हर जगह इन इस्लामिक संगठन वालों ने हम हिन्दुओं की आस्था को ठेस पहुंचाई है। जिसे कभी भी माफ नहीं किया जाएगा। अपाने लिखा है कि हम सर्वधर्म संभव की बात करने वाले ही लोगों की बहु-बेटियों के साथ बलात्कार कर रहे है, तो मैं आपसे सहमत नहीं हूं क्योंकि माना आज बलात्कार हमारे देष की एक बहुत बड़ी समस्या है लेकिन सभी बलात्कार कोई हिन्दू ही नहीं करता। हम हिन्दुओं की बेटियों को अपने प्यार के जाल में फंसाकर उनके शादी करने की बात कहकर उनका बलात्कार करने वाले क्या यह इस्लालिम लोग नहीं है। अगर हमारी बेटी ने इन लोगों से शादी की तो भी वह इस्लाम को अपनाए, अगर इनकी बेटी ने किसी हिन्दू से शादी की तो भी वह लड़का इस्लाम अपनाए। ऐसा तो कहीं नहीं होता कि शादी के बाद किसी लड़के ने लड़की के धर्म को अपनाया हो। जहां तक मैं जानता हूं तो हिन्दुओं की लड़कियों से शादी करने की प्रथा तो अकबर के जमाने से चली आ रही है, और अपनी बेटियों को हिन्दू में न देने की भी प्रथा। क्योंकि यह लोग हमारी बेटियों को लेकर अपना समाज बढ़ाना चाह रहे हैं जिससे की हिन्दू बहुसंख्यक की जगह अल्पसंख्यक में तब्दील हो जाए। लेकिन हमारे देष के महान संगठन विहिप व बजरंग दल की यह पहल उन्हें अपने मंसूबे पर खरा नहीं उतरने दे रही। ऐसा नहीं है कि मैं हिन्दू हूं तो मैं मजार पर जाकर सर नहीं झुकाता जरूर झुकाता हूं हमारी लड़ाई धर्म से नहीं समाज से है। अगर आप हिन्दू होते हुए भी अपने आपको गद्दार कहलवाना पसंद करते हो तो इससे बड़ा हिन्दुस्तान का दुःख क्या होगा कि एक हिन्दू अपने आपको गद्दार कहलवाना पसंद करता है न कि हिन्दू।

Monday, October 6, 2008

माओवादी चले आतंकी की राह

  • हृदेश अग्रवाल
ऐसा लगने लगा है कि मानो भारत को किसी की नजर लग गई हो, क्योंकि पहले अंग्रेज, मुगल शासन, अंडरवर्ल्ड फिर आतंकवाद। अब माओवादी किसी न किसी शक्ल में हमारे देश में घेरे हुए हैं, सोने की चिड़िया कहे जाने वाले देश भारत को अंग्रेजों व मुगलों ने मिलकर बर्वाद किया, आजादी के बाद अंडरवर्ल्ड फिर पाकिस्तान ने कश्मीर को भारत से छीनने की कई बार आतंकवाद के रूप में कोशिश की जो हर बार नाकाम रही, लेकिन सबसे बड़ी बात तो यह है अब भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (भाकपा या माओवादी) अब हमारे देश पर निगाह गढ़ाए हुए बैठी है कहीं जाकर थोड़ा सूकुन मिला तो नया मामला यह कि माओवादी नेता सब्ससाची पांडा उर्फ सुनील ने कहा कि कबूला की हमने ही लक्ष्मणानंद को मारा है और अब हमारे निशाने पर भाजपा नेता लालकृष्ण आडवानी, विश्व हिन्दू परिषद नेता अशोक सिंहल व प्रवीण तोगड़िया हैं जो भड़काऊ भाषण देकर देकर देश में नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं। इसीलिए अब हम इन तीनों नेताओं को जान से मार देंगे। माओवादी नेताओं को एक बात समझना चाहिए कि अगर यह तीनों नेता भड़काऊ भाषण देते हैं तो आप क्या नया करते हैं आपने भी तो वही भड़काऊ बात बोली न कि तीनों कट्टर हिन्दु नेताओं को मार देंगे। अब लगता है कि माओवादी नेता देश के हित में न बोलकर आतंकियों के हित की बात कर रहे हैं। अब आतंकवादियों के साथ उनकी श्रेणी में आ रहे हैं माओवादी।

हमारा तो यही कहना है कि

जो हिन्दू हित की बात करेगा, वही देश पर राज करेगा।।

साधु-संतों का यह अपमान, नहीं सहेगा हिन्दुस्तान।।

वहीं अल्पसंख्यक आयोग एक ही बीन बजा रहा है कि बजरंग दल पर प्रतिबंध लगना चाहिए क्योंकि इन्होंने ईसाईयों के चर्चों व घरों पर हमला किया, लेकिन अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष मो। शफी यह नहीं जानते की जब कोई हमारे साधु-संतों व गुरूयों पर हमले करता है तो क्या हम उसका बदला नहीं लेंगे क्या हमने हाथों में चूड़ियां पहन रखी हैं। अगर हम चर्चों पर हमले करते हैं तो क्या हमारा या हमारे संगठन का विरोध नहीं किया जाता। तो यह कहना बंद करें कि बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाया जाए क्योंकि बजरंग दल पर प्रतिबंध का मतलब है कि सिमी जैसे आतंकी संगठन को बढ़ावा देना और हमारे देश में ही हमको मौत के घाट सुलाना, और यह हम कतई बर्दास्त नहीं करेंगे कि कोई भी आतंकी संगठन हमारे देष में एड्स की तहफ अपने पैर फैलाए। इसको बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए विष्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल और षिव सेना जैसे संगठन दवा का काम कर रहे हैं जो इन्हें करने दिया जाए।

Saturday, October 4, 2008

नेताजी पर भारी पड़ी पुलिस

  • हृदेश अग्रवाल
भारतीय पुलिस ने आज एक बार फिर बता दिया है कि पुलिस कुछ समय के लिए अपराध या नेतागिरी को अनदेखा कर सकती है लेकिन कोई प्रशाशन के काम में हस्तक्षेप करे तो फिर शांत नहीं बैठ सकती, चाहे गुंडागर्दी हो या नेतागिरी, क्योंकि पुलिस से बड़ा गुंडा न कोई था और न कोई है। इसका ताजा मामला गत दिवस सागर में नेता की पिटाई को लेकर है।सागर जिले के बीना क्षेत्र में जब रेलवे प्रशाशन ने अतिक्रमण हटाना चाहा तो उसी वक्त सागर से भाजपा सांसद वीरेन्द्र कुमार पहुंच गए और वहां जाकर रेलवे प्रशाशन के खिलाफ विरोध जताने लगे, लेकिन उनको क्या मालूम था कि प्रशाशन के खिलाफ विरोध जताना उनको इतना महंगा पड़ेगा कि वो पुलिस की लठ के शिकार होकर अस्पताल में भर्ती हो जाएंगे। जब वह रेलवे पर हुए अतिक्रमण को लेकर प्रदर्षन कर रहे थे कि तभी भीड़ में किसी एक व्यक्ति ने उनके चांटा मार दिया फिर क्या था नेताजी के समर्थकों, भीड़ व पुलिस प्रशाशन में झड़प हो गई इस झड़प में पुलिस ने नेताजी को जमीन पर लिटाकर इतना मारा कि उन्हें तुरंत इलाज के भोपाल के हमीदिया अस्पताल में आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा। वही उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ डीजीपी ने जांच करने के निर्देष दिए हैं। लेकिन भारतीय पुलिस ने यह बता दिया कि हमसे बड़ा कोई भी गुंडा नहीं है हम चाहें तो उसे छोड़ दें या उसे इतना मारे कि वह अस्पताल में भर्ती हो जाए या मर जाए, उन्हें कोई मतलब नहीं। हम गुंडों बदमाशो से तो डरते हैं व नेताओं और आम जनता को परेषान कर बहुत बड़े शूरवीर बनते हैं जैसे कि मानो कोई तीर मार लिया हो। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को सभी आरोपी पुलिसकर्मियों को तत्काल सस्पेंड कर उचित कार्यवाही करना चाहिए और पुलिस प्रशाशन को आदेश दे कि वह जिस तरीके से नेताओं और आम आदमियों को परेशान करते हैं उन्हें परेशां करना छोड़ आतंकवादियों व गुंडे बदमाशो को पकड़ने में अपनी ऊर्जा खर्च करें जिससे कि भारतीय पुलिस का हमारे देश में नाम होगा। हमारे देश की जनता गुंडों से ज्यादा पुलिस से डरती है क्योंकि पुलिस उनके सब गुंडों से भी ज्यादा खराब व्यवहार करती है।

Friday, October 3, 2008

वीर सावरकर व शिवाजी की राह पर बजरंग दल

  • हृदेश अग्रवाल
भारत में जब एक समय ऐसा आया कि मुगलों ने भारत को अपने पंजों में जकड़ रखा था तब हमारे देश पर खतरे के बा मंडराने लगे थे लगने लगा था कि मानो अब हिन्दुस्तान से हिन्दुओं का नामो-निशान बिल्कुल ही खत्म कर दिया जाएगा। हमारी माताएं-बहनें घर से निकलने में कतराने लगी थीं कि घर से बाहर कदम रखने पर ऐसा न हो कि कहीं कोई मुगल शासन हमें उठाकर मुगलों के कदमों में न डाल दे। ओर तो ओर हिन्दुओं के मंदिरों को तोड़ा जा रहा था जिस जगह हमारा भगवान सुरक्षित नहीं था तो हमारी माता-बहनें कैसे सुरक्षित रहतीं, हिन्दु सिर्फ यही प्रार्थना करते कि हे भगवान क्या हमारी रक्षा के लिए कोई नहीं आएगा क्या हम इन मुगलों के शासनकाल में ऐसे ही जिएंगे। तब कहीं जाकर भगवान ने हिन्दुओं की सुनी और हमारे देश में एक बार फिर उन मां ने ऐसे सपूतों को जन्म दिया जिन्हें हम नहीं बल्कि समूचा भारत उन्हें वीर सावरकर और वीर शिवाजी के नाम से जानता है जिन्होंने न सिर्फ हिन्दुओं को एक नई पहचान दी बल्कि हिन्दुस्तान में मुगलों के पंजों से अपने प्यारे वतन को छुड़ाने की भी आस जागी वहीं हिन्दू मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना भी करने लगे थे क्योंकि उन्हें मालूम था कि अब भारत मां की रक्षा व मुगलों को मुंह तोड़ जबाव देने के लिए वो सपूत आगे आए हैं जिन पर आगे चलकर पूरी भारत को गर्व होगा, और हर मां यही सोचेगी काश मेरी कोक से भी वीर सावरकर व वीर शिवाजी जैसे सपूत जन्म लें और भारत मां की रक्षा के लिए शहीद हो जाएं।अगर सावरकर जी व शिवाजी जैसे हिन्दु रक्षक आगे नहीं आए होते तो हम हिन्दु आज भी किसी मुस्लमान के यहां उनकी जी-हजूरी कर रहे होते और हमारी माता-बहनें आज भी असुरक्षित होतीं।मैं यही कहना चाहूंगा भाई रजनीश के झा से कि वह यह कहना बंद कर दें कि बजरंग दल हिन्दुओं का ठेकेदार नहीं बल्कि देश का सबसे बड़ा आतंकवादी संगठन है क्योंकि इन्हीं के वजह से आज हम देश में आजाद घूमते नजर आ रहे हैं, और जैसा कि आपने कहा है कि बजरंग दल वाले तो जयचंद के वारिस हैं जिन्होंने गद्दी के लिए पृथ्वीराज चैहान को अपने फायदे के लिए बेच दिया तो भाई रजनीश के झा जी आपको यह भी मालूम होना चाहिए कि पृथ्वीराज चैहान को हम एक वीर योद्धा के रूप में जानते हैं वही जयचंद को एक गद्दार के रूप में क्योंकि जयचंद ने अपने देश गद्दारी की थी।वहीं बजरंग दल देश के साथ गद्दारी नहीं बल्कि भारत मां की रक्षा व हिन्दुओं की रक्षा के लिए वह लड़ता है व अपना खून बहाकर भी देश की रक्षा करता है, ताकि उनके इस बलिदान को आगे आने वाली हिन्दू पीड़ियां याद रखें। तो भाई रजनीश कृपया आप बजरंग दल को आतंकी संगठन न कहकर एक देश भक्त संगठन कहें।इसी पर एक चर्चा हुई बजरंग दल के पूर्व जिला सहसंयोजक बालिस्ता रावत से जिस पर उन्होंने कहा कि हमारे देश में अगर आतंकवादियों से लड़ने व हिन्दुओं की रक्षा के लिए कोई सबसे बड़ी ताकत अगर है तो वो है विश्व हिन्दु परिषद व बजरंग दल ये गद्दार संगठन नहीं हो सकते बल्कि ये तो देश भक्त संगठन हैं वीर सावरकर व वीर शिवाजी की तरह इस पर बालिस्ता रावत ने इन शहीदों की याद में एक गीत लिखा है जिसकी कुछ पंक्तियां हैं:-
जागो तो एक बार हिन्दु जागो तो


जागी थी जब झांसी की रानी, झूब लड़ी पर हार न मानी


चमक उठी तलवार हिन्दू जागो तो


जागो तो एक बार हिन्दु जागो तो....





जागे थे सावरकर प्यारे, असबंली में लग गए नारे


पलट गई सरकार, हिन्दू जागो तो


जागो तो एक बार हिन्दु जागो तो.....

Wednesday, October 1, 2008

ईसाई पर भारी बजरंगी

  • हृदेश अग्रवाल
उड़ीसा और कर्नाटक में हुए चर्चों पर हमले से बौखलाए ईसाई समुदाय ने हिन्दू संगठन बजरंग दल पर आरोप लगाते हुए कहा है कि जरंग दल एक आतंकी संगठन है इस पर जल्द से जल्द प्रतिबंध लगना चाहिए। उन्होंने कहा कि सावरकर व शिवाजी ने जब हिन्दुओं को एकत्रित किया था जब से ही मुस्लिमों व ईसाईयों को हिन्दु लोग अपना दुश्मन समझते हैं और हम पर और हमारे धर्म पर ऊंगली उठाते हैं। बजरंग दल को क्या हक है कि वह ईसाई समुदाय के चर्चों को जलाए। हम तो किसी भी समाज के व्यक्ति से नहीं कहते है कि वह अपना धर्म छोड़ हमारे ईसाई धर्म को अपनाए। अगर कोई खुद हिन्दू अपना धर्म छोड़कर हमारा धर्म अपनाना चाहते हैं तो हम क्यों मना करें। वहीं बजरंग दल का कहना है कि हम यह कतई बर्दाशत नहीं करेंगे कि हमारे हिन्दू समाज को कोई तोड़े जो हिन्दू समाज को तोड़ने की जुर्रत करेगा उसका यही हश्र होगा, चाहे वह किसी भी धर्म या समाज का हो। वहीं बजरंग दल ने कहा कि दूसरे धर्म के लोग हमारे हिन्दू समाज के लोगों को कई प्रकार के प्रलोभन देते हैं और अपना हिन्दू धर्म छोड़कर अपने धर्म में सम्मिलित होने को कहते हैं, लेकिन यह नहीं जानते कि हिन्दू समाज या संगठन कभी इस बात को बर्दाशत नहीं करेगा कि कोई भी दूसरा धर्म या समुदाय हमारे धर्म या समाज के टुकड़े कर हमको बोना साबित करे। हम तो किसी और समुदाय के व्यक्ति को नहीं जोड़ते। हम दूसरे समुदाय को अपने हिन्दू समुदाय के ऊपर हावी नहीं होने देंगे क्योंकि यह हिन्दुस्तान हिन्दुओं का है। अगर हम दूसरे समुदाय वालों से कहें कि तुम अपने बाप को बाप न बोलकर हमारे बाप को अपना बाप बोलो तो क्या तुम बोलोगे? जो हम अपने बाप को बाप न कहकर तुम्हारे बाप को बाप कहें। अगर आज हिन्दुस्तान में विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल जैसे हिन्दू संगठन नहीं होते तो हम हिन्दुओं का नामो-निशान यह दूसरे समुदाय के लोग काफी पहले ही मिटा चुके होते या अपना गुलाम बना होते, लेकिन भला हो इन हिन्दू संगठनों का जो हमारे इस बहुसंख्यक समाज को आज भी जोड़े रखें हैं।